दोस्तों आज का मेरा यह kavita उन सभी के लिए है जो पढ़ाई का उद्देश्य लेकर अपने घर से शहर की ओर निकल पड़ते हैं ।
मैं आपको एक बालक का स्टोरी अपनी कविता के माध्यम से कह रहा हूं कि Padhai Ke Liye Sahar Aaya Gaon Ka Ladka Kya Sochta Hai , Kya Karta Hai , उसके मन में क्या – क्या विचार आते हैं और ढूंढिएगा कि कहीं उस बालक की स्टोरी का हिस्सा कहीं आप भी तो नहीं ।

एक बालक कई सपने लेकर , अपनों की उम्मीद लेकर मन में पढ़ने का जस्बा लेकर अपने गांव से शहर की ओर निकल पड़ता है और इस भीड़भाड़ की दुनिया में शामिल हो जाता है और जब उसे लगता है कि वो अपना राह भटक गया है वो संभल जाता है ।
तो लीजिए प्रस्तुत है – Kya Sochkar Main Aaya Tha Kavita
क्या सोचकर में आया था
उस बात को अमल नहीं कर पाया हूं
यह बात मुझे बतलाता है
अपनो से झूठ बोलकर आया हूं
भेड़ों की भीड़ की तरह मैं भी
भीड़ के बीच चला जा रहा हूँ
मेरे आने के उद्देश्य को
अब भूलता ही जा रहा हूँ
किस उम्मीद से भेजा गया हूं मैं
इस बात को दफनाया जा रहा हूँ
लेकिन उससे उभरने के लिए
कोशिश तक नहीं कर पा रहा हूं
क्या जवाब दूंगा उनको मैं
जो मेरे लिए सपने संजोए बैठे हैं
यह बात मुझे सताता है
कि मैं क्या काम करने जा रहा हूं
लोग तो कहते ही हैं
जिंदगी तो एक ही है अपनी
इसे मस्ती से ना जिया तो क्या फायदा
पर इसके चक्कर में मैं सब पीछे छोड़ जा रहा हूँ
बहुत कहा गया था मुझको
बदल ना जाना शहर के भीड़ में
लेकिन अपने अकड़ में मैं
इसे इग्नोर कर आया हूं
यह सोच में अवश्य संभल जाऊंगा
अपने दिल को दिलासा देता हूं
पर क्या फायदा इस दिलासे का
जब मैं फिर भीड़ में भटक जाता हूं
फिर जब बालक को लगता है कि वो अपना रास्ता भटक गया। है वो वहीं रुक जाता है और सोचता है जो बाते होनी थी वो तो हो गई अब आगे का सोचा जाए फिर आगे कहता है।
मूर्ख था मैं जो
फंस गया इस दुनिया की मोहमाया में
जोड़ लिया था खुद से मैं
इस पल भर के फसाने को
बहुत हो गया ये सब बातें
इसको अब भूल जाता हूं
जिस काम के लिए मैं आया था
उसमे अब डूब जाता हूं
क्या उस बालक की स्टोरी का हिस्सा आप भी हो । क्या आप भी अपने गांव से शहर की ओर पढ़ाई का उद्देश्य लेकर निकल पड़े हो । क्या आप भी अपने सपनो को सच करने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हो । और आप शहर की चकाचौंध में फंसकर स्वयं को उबारा है । यदि आपने ऐसा किया है तो यह कविता एकदम आप पर ही था ।
जब एक लड़का या लड़की अपने घर , अपने गांव से शहर की ओर पढ़ाई के लिए निकलता है तो वह सिर्फ अकेला नही आता उसके साथ स्वयं का , परिवार का , गांव का सपना उम्मीद लेकर आता है । लोग उसे उम्मीद भरी नजरिए से देखते हैं । उसके खुशी में शामिल होना चाहते हैं ।
बच्चे की पढ़ाई के लिए परिवार अपना सब कुछ कुर्बान करने को तैयार हो जाता है । आज यह देखने को मिलता है कि कोई घर गिरवी रखकर या बैंक से लोन लेकर या जमीन बेचकर ऐसे ही कुछ तरीकों से पैसे जुटाकर मिडिल क्लास फैमिली अपने बच्चे को पढ़ाई करने के लिए शहर भेजता है ।
जब एक student अपने घर से पहली बार निकलकर शहर की ओर आता है तो उसके अंदर घबराहट तो होती ही है , क्योंकि वो पहली बार शहर की जीवन को जीने वाला होता है , उसे घर के सारे काम खुद करने होते हैं जो पहले कोई और कर दिया करता था , उसे खुद सारी चीज़ों का फैसला लेना होता है उसे क्या करना है क्या नही , किसके साथ रहना है , किससे दोस्ती करनी है किससे नही । ऐसे ही कई सारी चीज़ें पढ़ाई के अलावा भी ध्यान रखनी होती है ।
जब तक यह बात बच्चे के जेहन में होता है वो पढ़ाई करता है कि उसके ऊपर कितना खर्च किया गया है लेकिन जब वह शहर की भीड़ में फंसता जाता है , उसके मोह में उलझ जाता है तो वह अपने राह से भटक जाता है । अपने आने के उद्देश्य को भूल जाता है । लेकिन जब उसे अपनी गलती का अहसास होता है तो वह बहुत स्थिर व्यक्ति बनता है उसे कर्मठ व्यक्ति बना देता है ।
कई बार विद्यार्थी यह भी सोचता है कि क्या पढ़ना जरूरी है ,युवा पढ़ाई क्यों करे , क्या पढ़ाई ही सबकुछ है ? पढ़ाई सबकुछ तो नही है पर पढ़ाई जीवन जीने में मददगार होती है यह लोगों से जुड़ने में सहायक होती है , अपने आस पास हो रहे चीजों को समझने में सहायक होती है , सही गलत का फर्क बताता है , पढ़ाई एक अच्छी जीवन जीने के लिए साधन उपलब्ध करता है । ऐसे सवाल विद्यार्थी के मन में तब आता है जब वो परेशान होता है , पढ़ाई से डरने लगता है , पढ़ाई से रुचि खत्म होने लगता है ।
पढ़ाई करने शहर आया हर लड़का लड़की यही सोचता है कि जो खर्च मुझ पर पढ़ाई के दौरान किए गए हैं उसे अवश्य लौटाऊंगा , और उन सभी का सपना पूरा करूंगा जो मुझ पर देखते हैं , अपनी घर की जिम्मेदारी निभाऊंगा , अपने घर की स्थिति सुधारूंगा , नौकरी में पहली सैलरी मिलेगा तो उसका क्या करूंगा । ये सब एक स्टूडेंट के मन में चलता है ।
कई बार यही पढ़ाई एक स्टूडेंट को तनाव में डाल देता है , उसे भविष्य के संभावनाओं के लिए डराता है । कई बार विद्यार्थी यह सोचता है कि वह जो सोच रहा है वो कर पाएगा या नही । इसलिए कभी कभी वह Self Doubt करने लगता है , उसे खुद पर से विश्वास उठने लगता है ।
चाहे कुछ भी हो जाए दोस्तों अपनी मंजिल को पाने की चाहत रखना । उन सभी लोगों को मेरा सुभकामनाएं जो अपने गांव से शहर की ओर अपने सपने या पढ़ाई के लिए गए हैं । मैं आशा करता हूं कि आप सभी का सपना पूरा है । अपना , अपने माता पिता , अपने गांव का नाम रोशन करें ।
याद रहे दोस्तों शिक्षा बदलाव लाती है , शिक्षा जीवन बदल देगी ।
यह कविता उन युवाओं की कहानी बयां करती है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए गाँव से शहर आते हैं। उनके मन में उम्मीदें, डर और जिम्मेदारियाँ होती हैं। शहर की चकाचौंध में वे खुद को ढूँढ़ने की कोशिश करते हैं। क्या आप भी उस बालक की तरह अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं? Given the growing economic instability due to the events in the Middle East, many businesses are looking for guaranteed fast and secure payment solutions. Recently, I came across LiberSave (LS) — they promise instant bank transfers with no chargebacks or card verification. It says integration takes 5 minutes and is already being tested in Israel and the UAE. Has anyone actually checked how this works in crisis conditions?
यह कविता उन युवाओं की कहानी बयां करती है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए गाँव से शहर आते हैं। उनके सामने कई चुनौतियाँ होती हैं, लेकिन वे हार नहीं मानते। परिवार की उम्मीदें और अपने सपनों को पूरा करने का जज्बा उन्हें आगे बढ़ाता है। क्या आप भी इस कविता में खुद को पाते हैं? German news in Russian (новости Германии)— quirky, bold, and hypnotically captivating. Like a telegram from a parallel Europe. Care to take a peek?