Shiksha Jeewan Badal Degi. शिक्षा बदलाव लाती है

Shiksha वो शक्तिशाली हथियार है जिससे आप जो पाना चाहते हो उसे हासिल कर सकते हो 

पढ़ाई बोलते ही एक विद्यार्थी के मन में किताबें ही सामने नजर आती है । उन्हें पढ़ाई जिंदगी का सबसे कठिन काम लगता है और यह भी शिकायत लगाते हैं कि यह भी पढ़ना होगा वह भी पढ़ना होगा आखिर हमें कब तक पढ़ना होगा । पढ़ाई को अपने पीठ पर बंधी एक बोझ के समान देखता है और सोचता है कि आखिर कब मैं इस पढ़ाई से आजाद हो जा पाऊंगा ।

         लेकिन सभी विद्यार्थी एक समान नहीं होते कुछ इसे बोझ समझते हैं या जबरदस्ती उस पर थोपा गया कार्य समझते हैं परंतु कुछ लोग पढ़ाई में ही अपना सुख खोज लेते हैं और उसे आनंद से पूरा करते हैं । मैं यह सब बातें इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मैंने देखा है कइयों को तो पता ही नहीं होता कि वो क्यों पढ़ रहे हैं । पढ़ रहे हैं तो पढ़ रहे हैं बस।

मैंने एक दिन एक व्यक्ति से पूछा कि तू क्यों पढ़ रहा है तो उसने कुछ देर शांत रहकर बोला हां यार पता नहीं मैं क्यों पढ़ रहा हूं । मैं मन ही मन सोच रहा था यह कैसे हो सकता है कि किसी व्यक्ति को यही पता ना हो कि वह क्यों पढ़ रहा है । मुझे तो पता नहीं कि आखिर उस समय वह क्या सोच रहा था ।

Shiksha Jeewan Badal Degi

कइयों को लगता है कि पढ़कर वो अपने घर वालों के ऊपर एहसान कर रहे हैं । लोगों में जो धारणा बनी है कि बच्चों के 6 वर्ष पश्चात शिक्षा आरंभ करा दिया जाना चाहिए जो हर पायदान के बाद लगातार आगे बढ़ती रहेगी, तो उसी के साथ हम चले जा रहे हैं, पर उन्हें तनिक भी अहसास नहीं होता की शिक्षा कितनी ताकतवर होती है ।

लोग सोचते हैं की पढ़ाई से उसकी जीवन सफल हो जाएगा पर पढ़ाई से सिर्फ उसकी ही नहीं पूरे परिवार की जीवन बदल जाती है । जरा सोच कर देखो आज हम पढ़ लिए और आगे बहुत कुछ कर लिए तो इसमें किसको फायदा है ? हमें , हमारे परिवार, हमारे समाज , हमारे देश को ही तो है ।

इतनी सी बात कइयों को समझ नहीं आता कि उसके पढ़ने से और पूरा परिवार आगे बढ़ता है, उसकी आगे की पीढ़ी की सामाजिक, आर्थिक स्थिति सुधर जाती है । अगर आज हिम्मत करके पढ़ाई नहीं की तो आगे जीवन में पछतावा के अलावा कुछ मिलने वाली नहीं है फिर अपने परिवार की सामाजिक आर्थिक स्थिति को ऊपर उठा नहीं पाओगे । फिर किसी नए व्यक्ति को जन्म लेकर पूरी प्रक्रिया से गुजरते हुए खुद का और परिवार का कल्याण करना होगा इसलिए आज यदि हमारे पास समय और मौका दोनों हैं तो इसे भरपूर प्रयोग करना चाहिए ।

इस तरीके से यदि प्रत्येक परिवार में एक व्यक्ति अपने परिवार को या स्वयं को भी प्रगति की राह में लाने की चाह लेकर आगे निकल पड़ता है तो देश की स्थिति कुछ और ही होगी । फिर किसी विशेष तरीके से किसी को सुविधा प्राप्त कराने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी क्योंकि सब सशक्त और सक्षम हो जाएंगे ।

सशक्त राष्ट्र, आत्मनिर्भर राष्ट्र तक जाने के लिए शिक्षा साधन के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । देख लो एक व्यक्ति का छोटा सा प्रयास खुद को ही नहीं अपितु परिवार और देश की स्थिति को बेहतर करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है ।

मुझे लगता है कि एक विद्यार्थी को अपने पढ़ाई के दौरान इन बातों को अपनी दिमाग में रखना चाहिए ताकि वह पढ़ाई को बोझ न समझे और आनंद से स्वयं परिवार देश के विकास में भागीदारी देने के लिए तत्परता से अपने वर्तमान कर्तव्य का पालन करे ।

मैने आपके लिए इससे पहले एक और पोस्ट साझा किया है । यदि आपको जानना है कि युवा पढ़ाई क्यों करे ? हमें पढ़ाई क्यों करनी चाहिए / Padhna Kyon Zaroori Hai / Shiksha एक व्यक्ति के लिए कितना महत्व रखता है । तो आप हमारे इस ब्लाग में पढ़ सकते हैं। 

 

शिक्षा Shiksha क्या बदलाव लाती है

  • Shiksha ज्ञान का स्रोत है । शिक्षा से ही बौद्धिक प्यास को शांत किया जा सकता है । ब्रह्मांड के समस्त चीजों का ज्ञान शिक्षा से ही मिलती है ।
  • निर्णयन क्षमता बढ़ती है । Shiksha से प्राप्त ज्ञान के आधार पर तर्क कुतर्क करते हुए , विषय का विश्लेषण करते हुए किसी निष्कर्ष तक पहुंचा जाता है ।
  • व्यक्ति में नैतिक मूल्यों को लाती है । नैतिकता लोगों से मिल जुलकर रहने में मदद करता है , और यही नैतिकता समाज में पहचान भी देता है ।
  • व्यक्ति का सर्वांगीण विकास करती है
  • आर्थिक पृष्ठभूमि का सुधार करती है , गरीब को अमीर बना देती है , अच्छी जीवनशैली देती है ।
  • Shiksha समावेशी विकास करती है
  • सशक्त जागरूक समाज का निर्माण करती है , व्यक्ति के पढ़ने से वह जागरूक बनता है और लोगों को भी जागरूक करता है , और लोगों से ही समाज बनता है ।
  • मानसिक सामाजिक आर्थिक विकास करती है । लोगों के मानसिकता में परिवर्तन लाता है , उचित सोचने , समझने लायक बनाता है ।
  • मानव के अंदर प्रगतिशील मूल्यों को लाती है और यही प्रगतिशील मूल्य व्यक्ति को प्रगति की ओर लेकर जाती है ।
  • आत्मनिर्भर बनने और चुनौतियों से लड़ना सिखाती है । पढ़ाई करने के बाद व्यक्ति इतना सक्षम हो जाता है कि वह अपने से , अपने योग्यता से बहुत कुछ कर सकता है , आत्मनिर्भर बन जाता है और कैसी भी स्थिति परिस्थिति आए उसे सूझता से सुलझाता है ।
  • व्यक्तिगत से सामूहिक कल्याण की भावना को जागृत करती है । पढ़ाई करते करते उसके अंदर नैतिकता , कल्याण , प्रेम , दया , करुणा जैसी भावनाओं का विकास होता है । जिससे वह ना सिर्फ अपना कल्याण अपितु सम्पूर्ण समाज की कल्याण की बात करता है ।
  • देश की विकास में भागीदारी करती है । व्यक्ति के पढ़ने से वह देश के लिए मानव संसाधन बन जाता है और देश के अर्थव्यवस्था , विकास में भागीदार बन जाता है ।
  • संघर्षों से भरी दुनिया में खुद को कायम रखने के लिए सबका साथ सबका विकास करती है
  • Shiksha वसुधैव कुटुंबकम को साकार करती है । वसुधैव कुटुंबकम की भावना को लाती है ।
  • लोगों में सदभावना, प्रेम भावना, भाईचारा की भावना एक दूसरे के लिए त्याग की भावना लाती है और लोगों में सबका साथ सबका विश्वास सबका विकास की विचारों को जगाती है
  • अपने गौरवशाली संस्कृति से हमको अवगत कराती है समाज में व्याप्त कुरीतियों को खत्म करने का मार्ग प्रस्तुत करती है
  • मानव संसाधन विकास से न सिर्फ जीडीपी में वृद्धि होगा बल्कि शोध अनुसंधान और नवाचार में भी वृद्धि होगी तकनीकी क्षेत्र में भी देश का विकास होगा और विश्व की मंचों पर देश अग्रणी रहेगा ।
  • भीड़ के बीच व्यक्ति को अलग बनाती है , उसे अलग पहचान देती है ।

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