ये तो आज सभी का प्रोब्लम है कि Padhai me man kaise lagaye ? और होंगे भी क्यों न जब distraction के source इतने ज्यादा हैं । आज हर कोई कहता है Padhne ka man nahi hai क्या करूं बता ना Kaise padhen, क्या करूं कि मुझे पढ़ने में मन लगे, Padhai me man kaise lagaoon. ये लगभग अधिकतर लोगों का सवाल है।
लोगों के सवाल कि Padhai me man kaise lagaye ? इस Sawal को हम कुछ निम्न point के माध्यम से समझेंगे।
- क्या आपको पढ़ाई की जरूरत है
- पढ़ाई करने की मंशा
- पढ़ाई की वजह क्या है
- ध्यान केंद्रित कैसे करें
- डिस्ट्रेक्शन
क्या आपको पढ़ाई की जरूरत है
दोस्तों आपको पढ़ाई में मन लगाने के लिए पहले तो आपको खुद से पूछना होगा कि क्या सच में आपको पढ़ाई की जरूरत है। अगर हां तो आपको कोई मोटीवेशन की ज़रूरत ही नहीं होगा और ना ही आपको पूछना पड़ेगा कि Padhai me man kaise lagaye ? नही तो आपको कोई जरूरत नहीं है पढ़ने का ।
जब तक आपको महसूस नहीं होगा की आपको पढ़ाई की जरूरत है, तब तक full concentration से पढ़ना आपके बस की बात नही । और यही सत्य है ।
आपके पास इस क्यों का जवाब होना चाहिए कि आप क्यों पढ़ना चाहते हैं । अगर आपके पास इसका जवाब है तो आप चाहे कैसी भी स्थिति आए आप पढ़ना चाहेंगे । इसे आप पढ़ाई के अलावा किसी भी क्षेत्र में लगाकर देखो और क्यों का जवाब खोजो । यदि कारण ताकतवर है तो आप वो जरूर करोगे ।
Padhai करने की मंशा
पढ़ाई में मन लगाने के लिए उसकी मंशा को जानना जरूरी है। अगर आपके अंदर कुछ करने की इच्छा ही नहीं है, कोई उद्देश्य ही नहीं है तो भूल जाओ की आप कभी मन लगाकर पढ़ भी पाओगे । पढ़ने के लिए आपको किसी की मोटीवेशन की जरूरत नहीं होती, बल्कि वो स्वयं पर है क्या आपको वाकई में कुछ करना है या घिसी पिटी जिंदगी जीना है।
जब आपको कुछ पाना ही नहीं है तो पढ़ोगे ही क्यूं, तो आपका सवाल की पढ़ाई में मन कैसे लगाएं इस पर ध्यान देने से पहले जरा ये देख लो की आपको इसकी जरूरत है या नही ।
फैसला आपका है –आपका हर कार्य आने वाले कल को निर्धारित करता है इस सत्य को आपको जानना बहुत जरूरी है, जैसा आप करोगे वैसा आप पाओगे।
Padhai की वजह क्या है
जब तक आपको पढ़ाई की वजह नहीं मिलेगा तब तक आप उस पर concentrate नही कर पाओगे आपको एक ठोस वजह चाहिए पढ़ाई के लिए।
जब तक उसका कारण ही नही होगा चाहे भगवान बोले, चाहे घर वाले बोले, या कोई मोटिवेशनल स्पीकर बोले आप नहीं पढ़ पाओगे, उनका आप पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
आपको स्वयं को सोचना है कि आपके अंदर वो आग वो इच्छा, वो लालसा है क्या ? जिसके लिए आप पढ़ाई करना चाहते हो । अगर आपको हां में जवाब मिला मतलब समझो आपको कोई भी ताकत पढ़ने के लिए रोक नहीं सकता, आपका जवाब मिल गया।
इन सबके बावजूद आपके पास कई एक्सक्यूज होंगे पढ़ाई ना करने का । आपको कई एडिक्शन ने जकड़ लिया होगा जिससे आप दूर नहीं हो सकते, कई आदत होगी जिसे आप नहीं छोड़ सकते।
पर दोस्तों जब तक आपको पढ़ाई का वजह नहीं मिलेगा उस एडिक्शन से कभी बाहर नही आ सकते, उन आदतों को नही बदल सकते। पर जिस दिन पढ़ाई की वजह मिल जाए ना तो मजा ही आ जायेगा सब आदतें स्वयं हट जाएंगे, सबके रास्ते बन जायेंगे। बस आपको पढ़ाई की वजह मिल जाए ।
ध्यान केंद्रित कैसे करें
ध्यान केंद्रित करने के लिए आपका अनुशासित होना बहुत ही आवश्यक है, जब आप खुद के लिए अनुशासित नही होंगे तो आप कैसे पढ़ाई कर पाएंगे।
आपका लक्ष्य आपका उद्देश्य सदैव आपके साथ होना चाहिए, आपका पढ़ने का वजह आपके दिमाग में होना चाहिए। आप बस उसी के बारे में सोचे।
आपको बस आपका लक्ष्य ही नजर आना चाहिए, उसी के बारे में सोचो, फिर आपके अंदर उसको पाने की आग दहक उठेगी, कुछ करने का जुनून आएगा। उसके लिए हर हद से गुजरने के लिए आप तैयार हो जाओगे। फिर आपका ध्यान कोई भी डिस्ट्रैक्ट नही कर सकता।
डिस्ट्रेक्शन Distraction
डिस्ट्रैक्शन, कंसंट्रेशन का सबसे बड़ा शत्रु है। डिस्ट्रैक्शन भी दो तरीके के हैं एक तो इंटरनल और दूसरा एक्सटर्नल ।
इंटरनल जो हमारे मन में चलते रहते हैं वो कैसा भी विचार हो सकता है जो आपको भ्रमित कर सकता है और दूसरा एक्सटर्नल जो हमारे इर्द गिर्द रहते हैं वो सब एक्सटर्नल डिस्ट्रैक्शन है।
इन सबसे आपको बचना बहुत जरूरी है। और इसका उपाय भी आसान है । वो है आपके अंदर पढ़ने की आग । कुछ कर गुजरने का जस्बा होना चाहिए, फिर बाकी सब स्वत ही दूर हो जाते हैं, जिस दिन आपके अंदर वो जिज्ञासा उत्पन हो गया ना फिर आपको कोई भी रोक नही पाएगा।
डिस्ट्रैक्शन तो बस बहाना है, असल में आप स्वयं को कभी दोष नही देना चाहते और बड़े आराम से कह देते हैं। डिस्ट्रैक्ट हो जाता हूं। आप अपने आदतों को सुधारना नही चाहते । आप पढ़ने के लिए स्वयं में बदलाव नहीं लाना चाहते ।
उपसंहार
आपको अब समझ आ ही गया होगा की पढ़ाई में मन लगाने के लिए ना किसी को कहने की जरूरत है, ना मोटीवेशन की जरूरत है। जरूरत है तो वो है आपके अंदर burning desire, आपकी मंशा आपका उद्देश्य फिर सब आसान है, सब कुछ हो जायेगा।
एक उदाहरण मैं खुद का देता हूं की सच में आज तक मुझे किसी ने नहीं कहा की पढ़ ले….. क्योंकि किसी को कहने की जरूरत ही नही हुआ, मैं वही करता गया जो मेरा दिल कहता है। जो की सही था क्योंकि मुझे पता है कि मुझे पढ़ाई की बहुत जरूरत है। मुझे मेरा उद्देश्य पता है और उसके लिए क्या करना है ये भी पता है।
दोस्तो मैं आपसे अंत में यही कहना चाहता हूं की आपका आज का हर कदम ( आपका कार्य ) कल को निर्धारित करता है। और यही सत्य है। तो हमारे मन में ऐसा सवाल नहीं आना चाहिए कि Yuva Padhai Kyoon Kare ? Padhna Kyon Zaroori Hai ? Padhai me man kaise lagaye ?
अब फैसला आपके हाथों में है कि आपको क्या करना है।
धन्यवाद