दोस्तों आज मैं आपके सामने एक ऐसी विषय पर कविता लेकर प्रस्तुत हूं जो हमारे जीवन का हिस्सा बन गया है। वो है हमारा स्मार्टफोन । आज मैं mobile addiction के लिए कविता कहूंगा ।
आज हम देखते हैं कि किस प्रकार लोग मोबाइल में लिप्त हो चुके हैं, पल भर के लिए भी मोबाइल को दूर नहीं रखना चाहते ।
इस तकनीकी के दौर में
मोबाइल ने भी बाजी मारा है
लोगों का काम आसान कर
उन्हे एडिक्ट कर डाला है।
काम की चीज सोचकर
मोबाइल हाथ में उठा लेते है
पर न जाने क्यों
उंगलिया भी डगमगा जाती है
बगल में बैठकर भी
बाकी से अनजान हो जाते हैं
पूरा ध्यान स्क्रीन पर
और हां में हां मिलाते हैं
आपकी बात समझने का
उसको कहां समय मिल पाता है
जब दिन भर उसे चलाकर भी
अपने से दूर नहीं रख पाता है
सोचते हैं टाइम पास कर लूं इस मोबाइल से
पर मोबाइल उनसे ही टाइम पास कर जाता है
समय कैसे बीत जाता है
उन्हें खुद समझ नहीं आता है
कुछ ऐसे लोग भी होते हैं
जो मोबाइल में इस तरह खो जाते है
असल दुनिया को छोड़कर
मोबाइल को अपना दुनिया बनाते हैं
भले ही मोबाइल ने आज लोगों का काम आसान किया है पर साथ में उन्हें कई चीजों से वंचित भी किया है और अब उन्हें इस चीज का आदत सा हो गया है या कह सकते है उसका लत लगा गया है ।
जब हमे मोबाइल से कुछ इनफॉर्मेशन लेना होता है तो मोबाइल तो ओपन होता है पर साथ में व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टा और मैसेज या पोस्ट चेक होता है , वो यह भूल जाता है कि वो किस काम के लिए मोबाइल उठाया था । वो distract हो जाता है ।
कभी आपने भी देखा होगा की आप किसी से बात कर रहे हो और वह मोबाइल में व्यस्त हैं, वो तो आपकी बातें सुन रहा होता है पर समझ नहीं रहा होता है क्योंकि उसका ध्यान मोबाइल के स्क्रीन पर होता है। ऐसे में उस समय आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी आप तो जानते ही हैं ।
लोग टाइम पास करने के लिए मोबाइल का प्रयोग करते है, चैटिंग करते है, पोस्ट करते हैं गेम खेलते हैं पर उन्हें तनिक भी खबर नहीं चलता कि ऐसा करते करते टाइम कैसे निकल गया। इसका मतलब मोबाइल उनके साथ ही टाइम पास कर गया ।
आज ज्यादातर युवा वर्ग ऐसे ही इलेक्ट्रॉनिक चीजों से अपना समय खपाता है, जिस उम्र में उसे कैरियर पर फोकस करना चाहिए उस उम्र में वो इलेक्ट्रॉनिक चीजों पर फोक्स करता है ।
Conclusion
इसमें कोई शक नही है कि मोबाइल जिंदगी का हिस्सा बन गया है यह हमारे काम को आसान बना देता है । यह हमारे लिए फायदेमंद भी है और नुकसानदायक भी ।
अंत में आपसे यही कहता हूँ की मोबाइल का सही तरीके से प्रयोग करना समझदारी है पर उसे आदत बनाना उससे एडिक्ट होना बेवकूफी है स्वयं के जीवन के साथ खिलवाड़ है तो समझदार बनें और फैसला ले कि टाइम पास करना है या जीवन संवारना है ।