पैसा क्या है
Jeewan me paise ka kya mahatva hai जीवन में पैसे का क्या महत्व है, इसे समझने से पहले हम यह जान लेते हैं की आखिर ये पैसा है क्या ?
पैसा एक नश्वर वस्तु है , जो कभी ना कभी खत्म जरूर होता है । पैसा लोगों की सुविधा के लिए है , जिसका प्रयोग लोग अपनी जरूरतें पूरा करने के लिए करते है । इसे हम अपने जीवन को व्यतीत का साधन कह सकते हैं । कई लोग कहते हैं आज के जमाने में पैसा है तो जीवन है , पर यह पूरी तरह सत्य नही है , इसके बारे में आगे चर्चा करेंगे ।
क्या सच में पैसा बड़ा होता है
यह कहना बड़ा अजीब लगता है कि क्या सच में पैसा बड़ा होता है , पर चाहे कुछ भी कहो कई मायने में यही सच है ।हद है यार आज एक इंसान को एक पैसों से तौला जाता है ,क्या वो पैसे को ही सबसे बड़ा समझते है ।
यह प्रश्न लोगों के मन में आना स्वाभाविक है क्योंकि , आज हम देखते हैं जिसके पास धन–दौलत है , सारी सुख सुविधाएं है उसे ज्यादा सम्मान और उसे बड़े लोगों की संज्ञा दी जाती है , पर वहीं दूसरी ओर अगर कोई व्यक्ति रोज कमाकर अपना जीवन व्यतीत कर रहा है तो उसे वही सम्मान क्यों नही दिया जाता । क्या इसलिए कि वो निर्धन है।
एक उदाहरण – अगर पैसा बड़ा ना होता तो शारीरिक परिश्रम कर बड़ी–बड़ी इमारत बनाने वाला एक मजदूर को एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से ज्यादा महत्व और सम्मान मिलता ,क्योंकि वही है जो उसे निर्मित किया है। बिल्डिंग बन जाने के बाद लोग उसे ही भूल जाते है जिसने यह सुख सुविधा उन्ही के लिए निर्मित किया है ।
पर एक इंसान से बढ़कर और कोई भी बड़ा नहीं है , एक इंसान की इंसानियत , उसका प्रकृति , व्यक्तित्व और उससे लोगो में क्या प्रभाव पड़ता है यह उन सबसे बड़ा है , यही किसी व्यक्ति का महत्व निर्धारित करता है ना की पैसा ।क्योंकि पैसा तो नश्वर है , आज होता है तो कल नहीं होता यह तो समय –समय की बात है ।
क्या पैसा सब कुछ है
यह कहना बिलकुल गलत होगा कि,पैसा सब कुछ है । पैसा सब कुछ नहीं है, पर वो पैसा बहुत कुछ है यह जानना भी बहुत ही जरूरी है । आज कोई कह दे कि मैं बिन पैसे के रह लूंगा यह असंभव है । लोगों को अपनी जरूरतें पूरा करने के लिए इसकी आवश्यकता होती है ।
सोचो अगर पैसा बहुत कुछ नहीं होता तो लोगो के बीच आज असमानता नहीं होता , हम सब एक समान होते । ना कोई बड़ा ना कोई छोटा । लोगों में जो सम्मान है सबके लिए एक समान होता , ना किसी के लिए कम ना किसी के लिए ज्यादा ।
आज लोगो में असमानता क्यूं ? इसकी वजह यही है , एक ओर एक व्यक्ति पूरा ठाठ बाठ, पूरी सुविधाओ में रहता है, उसे अपने पैसों का कोई हिसाब नही होता । तो कहीं एक ओर एक व्यक्ति कुछ पैसों का मोहताज हो जाता है ।
इसे इस तरह से भी समझ सकते है कि एक अमीर घर का बच्चा बड़ी बड़ी स्कूलों में सारी सुविधाओं के साथ पढ़ता है वही एक ओर एक गरीब व्यक्ति का बच्चा छोटे स्कूलों में कई अभावों के साथ पढ़ता है । यहां भी इस पैसे का अंतर है ।
मैने कई लोगों से कई बार यह सुना है कि पैसा सब कुछ नहीं है , पर दोस्तों वो बहुत कुछ है । कहना आसान है कि वो सब कुछ नही है पर वर्तमान समय में पैसे के बिना हम अपनी जरूरतों को पूरा नही कर सकते उसका जीवन में बहुत महत्व है ।
पैसा कितना जरुरी है (Jeewan me paise ka kya mahatva hai)
एक व्यक्ति के जीवन में जितना जरूरी ऑक्सीजन , भोजन , पानी है । उतना ही जरूरी इन पैसों की भी है । क्योंकि जिस सुविधा के जरिए हम आज जिंदा है उसकी पूर्ति यही कराता है ।
- अगर पैसे न होते तो भोजन की व्यवस्था कैसे होता ।
- कोरोना महामारी के कारण एक गरीब अपनी जरूरतें पूरी नहीं कर पाया , क्योंकि उसके पास पैसे की कमी थी।
- कोविड महामारी के चलते ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने तक की नौबत आ चुका था, अस्पतालों में इलाज के लिए भारी रकम की जरूरत थी , तो एक आम व्यक्ति इसका इंतजाम कैसे करेगा , अगर उसके पास पैसे होते तो उसे दर दर भटकने , ठोकर खाने की नौबत नही आता , समय से इलाज हो पाता , यहां पैसे की कमी खलती है ।
- पैसों के कारण लोगों में असमानता है । जिसके पास पैसे हैं उसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है , और जिसके पास नही है उसे निम्न समझा जाता है , यहां भी पैसे की अहमियत समझ आता है ।
- पढ़ाई के क्षेत्र में भी एक गरीब घर का होनहार लड़का या लड़की अपनी पैसों की समस्या के कारण अपने सपने त्यागता है , आगे की पढ़ाई नहीं कर पाता है । पर एक अमीर घर का लड़का या लड़की चाहे जितना भी पैसों की जरूरत हो वह देने को तैयार रहता है , यहां भी पैसों की कीमत आका जा सकता है ।
- बात यही तक नहीं शादी के समय भी लड़के का स्टेटस , बैंक बैलेंस देखा जाता है ।
- कई आशिकों के साथ भी इस पैसे का गहरा असर होता है , अगर पैसा है तो गर्लफ्रेंड है । नहीं है तो भूल जाओ ।
- कुछ काम जल्दी कराना है तो एक्स्ट्रा पैसा देकर काम कंप्लीट कराया जाता है , हालांकि ये गलत है ।
- किसी व्यक्ति को काम पे रखना है तो पैसे की जरूरत होती है
- पैसा से पैसा बनाया जा सकता है
- जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाता है
- व्यक्ति अपने समाज में सम्मान पाता है
भले ही कई बातें कड़वी है , सुनकर खराब लगता है पर यही सच है ।
एक ओर यह भी है की खूब पैसा होने के बावजूद किसी मरते हुए इंसान की जान नही बचाया जा सकता । ऐसी परिस्थिति में एक इंसान ही उसे दिलासा दे सकता है । देखो आखिर एक इंसान की इंसानियत , उसका अपना पन ही काम आता है ।
पैसों से खुशी देने वाली वस्तु जरूर खरीदी जा सकती है पर खुशी नही खरीदा जा सकता , किसी की जिंदगी नही बचाया जा सकता ।
धन बढ़ने पर भी कम क्यों लगता है
कई लोगो के पास खूब पैसा होता है , वो और पैसे कमाते है पर भी कम पड़ जाता है , ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि जब जब हाथों में पैसा होता है तो जरूरत भी बढ़ने लगता है , और आज इस भागदौड़ की दुनिया में एक दूसरे को देख अपनी जरूरतें पूरा करने में लगा रहता है । वो और कमाता है , जरूरतें और बढ़ जाता है और यह सिलसिला बढ़ता ही जाता है।
और दूसरी ओर एक गरीब आदमी जो रोज कमाकर खाता है , वो खुशी से जीता है क्योंकि वो अपनी जरूरतें अपनी आमदनी से तय करता है । उन्हे अपनी जरूरतों का पूरा हिसाब रहता है । पर अमीर लालसा के चक्कर में सभी चीजों को जरूरी समझ बैठता है , और उसका वहन करता जाता है , फिर बाद में वही चीज उसे व्यर्थ प्रतीत होता है ।
इसलिए कई लोग पैसों के बढ़ने पर भी असंतुष्ट और दुखी रहते हैं ।
पैसों की अहमियत कौन समझता है
यह तो स्वाभाविक सी बात है की जब तक कोई किसी परिस्थिति से ना गुजरे तब तक उसे उसका अंदाजा भी नही होता । इसलिए मैं मानता हूं की पैसों की असली अहमियत वही समझता है जो उस पैसों के अभाव में जीता है , उसे ही उसकी पाई पाई की फिक्र होता है ।
एक मजदूर जो बड़ी मेहनत से कड़ी धूप हो या बरसात में काम करता है वो इसकी अहमियत समझता है। जो कुछ पैसों के अभाव के कारण अपने कदम वापस नही लेता है तो उसे इसकी अहमियत का अहसास होता है ।
किसी की मृत्यु पैसों के अभाव के कारण होता है तो उसे इसकी अहमियत का अहसास होता है । सभी ओर से देखें तो जिनके पास पैसों की कमी होता है उसे ही इसकी अहमियत का अहसास होता है । जिसके पास पैसा है उसे इससे कोई फर्क नही पड़ता।
निष्कर्ष
दोस्तों मेरा यही मानना है पैसा बस हमारे जीवन यापन करने का जरिया है , जरूरतों को पूरा करने का जरिया है , जो की नश्वर है जो कभी न कभी खत्म जरूर होगा ।
इस पैसे के चक्कर में अपना जीवन खराब नहीं करना चाहिए। जितना आपके हक में मिलता है उससे सारी जरूरतें पूरी करना चाहिए , ज्यादा पैसे की लालच में कई अपने परिवार तक को भूल जाते है , अपना कौन पराया कौन यही समझ नही पाते । और कई तो बर्बाद हो जाते है ।
मैं बिलकुल मानता हूं की पैसा हमारे लिए बहुत जरूरी है पर उसके चक्कर में इंसानियत को नहीं भूलना चाहिए , अपनों को नही भूलना चाहिए क्योंकि वही बाद में काम आते है , क्योंकि वहीं पूरा सुख निहित होता है ।
।। धन्यवाद ।।