छत्तीसगढ़ की सबसे लंबी नदी Mahanadi छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के नगरी तहसील में स्थित सिहावा पर्वत से निकलती है । स्थानीय लोगों का मानना है कि महानदी का उद्गम श्रृंगि ऋषि पर्वत के चोटी से हुई है । एक किवदंती यह है कि महानदी का उद्गम श्रृंगी ऋषि के कमंडल से हुआ है । Mahanadi एक अनुवर्ती नदी है अर्थात यह धरातल के ढाल के अनुसार बहती है जिधर ढाल होता है उधर रास्ता बनाते हुए प्रवाहित होती है । Mahanadi का ढाल पूर्व दिशा की ओर है ।
Mahanadi का नामकरण
महानदी का प्राचीन नाम – कनकनंदिनी है
सतयुग , वायु पुराण में नाम – निलोत्पला
द्वापर युग , स्कंध पुराण में नाम – चित्रोत्पला
विष्णु पुराण में नाम – ऋषितुल्या
अन्य नाम – महाश्वेता
वर्तमान नाम – कहा जाता है कि महानदी का वर्तमान नाम श्रृंगि ऋषि के प्रिय शिष्य महानंदा के नाम पर रखा गया है । श्रृंगि ऋषि एक ऋषि थे जो सिहावा के श्रृंगि ऋषि पर्वत पर श्रृंगि ऋषि आश्रम में निवास करते थे ।
Mahanadi का प्रवाह
Mahanadi अपने उद्गम स्थान से निकलकर छत्तीसगढ़ के 11 जिलों से बहते हुए संबलपुर से ओडिशा में प्रवेश करती है ।11 जिले जिनसे होते हुए Mahanadi बहती है वो हैं – धमतरी , कांकेर , बालोद , रायपुर , गरियाबंद , महासमुंद , बलौदाबाजार , जांजगीर चांपा , सक्ती , रायगढ़ , सारंगढ़ बिलाईगढ़ ( इन जिलों का क्रम उनके बहने के अनुसार है )Mahanadi छत्तीसगढ़ के मध्य भाग से बहते हुए महानदी अपवाह तंत्र ( Mahanadi Drainage System ) का निर्माण करती है । जिसका क्षेत्रफल 77.432 लाख हेक्टेयरहै । जो कि छत्तीसगढ़ के अपवाह तंत्र का 56.15 % है । इसलिए महानदी द्वारा निर्मित अपवाह तंत्र छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा अपवाह तंत्र है ।नोट – image 28 जिलों के आधार पर
Mahanadi के कुछ facts
Mahanadi की कुल लंबाई – 858 किमी है
छत्तीसगढ़ में महानदी की लंबाई – 286 किमी है
छत्तीसगढ़ में बहने वाली सबसे लंबी नदी – शिवनाथ नदी है और Mahanadi छत्तीसगढ़ में बहने वाली दूसरी सबसे बड़ी नदी हैलेकिन महानदी छत्तीसगढ़ की सबसे लंबी नदी है ।
महानदी का विसर्जन – कटक के निकट बंगाल की खाड़ी में होता है
महानदी की सबसे बड़ी सहायक नदी – शिवनाथ नदी है
संज्ञा – महानदी को छत्तीसगढ़ की गंगा , छत्तीसगढ़ की जीवन रेखाकी संज्ञा प्राप्त है । क्योंकि यह छत्तीसगढ़ का अधिकतर भाग घेरता है और लोगों को जल की आपूर्ति कराता है ।
महानदी के किनारे की मिट्टी को गाद कहते हैं
महानदी पर राज्य का सबसे लंबा सड़क पुल ( लंबाई – 1830 मी. ) है ।
महानदी पर राजिम में सस्पेंशन ब्रिज ( लक्ष्मण झूला ) है ।
Mahanadi की सहायक नदी
महानदी जब सिहावा से निकलती है तो वह उत्तर की ओर बहने के बाद शिवरीनारायण से पूर्व की ओर मुड़कर संबलपुर से ओडिशा में प्रवेश करती है । इस लंबी दूरी को तय करने के दौरान विभिन्न नदी इनसे आकर मिलती है जो इनकी सहायक नदी कहलाती है , जिनसे मिलकर अपवाह तंत्र का निर्माण होता है ।नदी अपवाह तंत्र में मुख्य नदी की सहायक नदी की स्थिति बताने के लिए दो दिशा का उपयोग किया जाता है – उत्तर और दक्षिण ।उत्तर की ओर से सहायक नदियां– शिवनाथ नदी , हसदेव नदी , बोरई नदी , मांड नदी , केलो नदी , ईब नदीदक्षिण की ओर से सहायक नदियां– दूध नदी , सिलयारी नदी , सोंढूर नदी , पैरी नदी , सुखा नदी , जोंक नदी , लात नदी
Mahanadi के तट पर स्थित स्थल
महानदी के तट पर स्थित प्रमुख स्थल हैं –
राजिम ( गरियाबंद जिला )
चंपारण (रायपुर )
आरंग ( रायपुर )
पलारी ( बलौदा बाजार )
शिवरीनारायण ( जांजगीर चांपा )
चंद्रपुर ( सक्ती )
Mahanadi पर त्रिवेणी संगम
तीन नदियों का मिलन स्थान त्रिवेणी संगम कहलाता है । हिंदू परंपरा में इस स्थान को पवित्र माना जाता है और कहा जाता है कि इस स्थान पर स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं । इन स्थानों पर विशेष अवसर पर मेले का आयोजन भी किया जाता है जैसे महाशिवरात्रि , माघ पूर्णिमा । महानदी के तट पर 3 त्रिवेणी संगम है
राजिम ( गरियाबंद जिला ) – महानदी + पैरी + सोंढूर नदी का संगम है । राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयागकहा जाता है । यहां प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक मेले का आयोजन होता है ।
शिवरीनारायण ( जांजगीर चांपा ) – महानदी + शिवनाथ + जोंकनदी का संगम । यहां प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा के अवसर पर मेले का आयोजन होता है । मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ शिवरीनारायण में विराजमान होते हैं ।
चंद्रपुर ( सक्ती ) – महानदी + मांड + लात नदी का संगम । यहां चैत्र नवरात्रि में मेले का आयोजन होता है ।
Mahanadi पर बांध
राज्य में महानदी पर 3 बांध / परियोजना बना है । जिसमें वर्षा का जल को संग्रहित किया जाता है जिसका उपयोग कृषि , उद्योग , मछलीपालन , जलापूर्ति जैसे कार्यों में किया जाता है ।
रुद्री पिकअप वियर( 1912 –15 ) – धमतरी
दुधावा बांध( 1962 – 65 ) – कांकेर
गंगरेल बांध / रविशंकर जलाशय ( 1979 ) – धमतरी
नोट – ओडिशा में महानदी पर भारत का सबसे लंबा बांधहीराकुंड बांध हैं । जिसकी लंबाई 25.8 कि.मी.है ।
Mahanadi पर बैराज
बैराज भी एक प्रकार का बांध है इसमें गेट बने होते हैं जिसके द्वारा बहने वाले पानी की मात्रा को नियंत्रित किया जाता है । ऐसे ही महानदी से बहने वाली पानी की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए इस पर बैराज बनाए गए हैं –
समोदा बैराज – रायपुर
शिवरीनारायण बैराज – जांजगीर चांपा
बसंतपुर बैराज – जांजगीर चांपा
मिरौनी बैराज – सक्ती
साराडीह बैराज – सक्ती
कलमा बैराज – सक्ती
FAQs
1. महानदी क्यों प्रसिद्ध है?
महानदी का प्रसिद्ध होने का कारण छत्तीसगढ़ की सबसे लंबी नदी का होना है जिस कारण इसे छत्तीसगढ़ की गंगा का संज्ञा प्राप्त है । यह छत्तीसगढ़ के लोगों , उद्योगों , किसानों सभी को जलापूर्ति कराती है जिस कारण इसे छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा कहा जाता है । इस महानदी पर ही ओडिशा में भारत का सबसे लंबा बांध हीराकुंड बांध हैं । जिसकी लंबाई 25.8 कि.मी. है । जो कि महानदी को और प्रसिद्धि दिलाती है ।
2. महानदी की कुल लम्बाई कितनी है?
महानदी के उद्गम से लेकर उसके मुहाने तक इसकी कुल लंबाई 858 कि. मी. है । और सिर्फ छत्तीसगढ़ में इसकी लंबाई की बात की जाए तो यह 286 कि. मी. लंबा है जिसके कारण यह छत्तीसगढ़ में बहने वाली दूसरी लंबी नदी ( पहली – शिवनाथ 290 कि. मी. ) कहलाती है । लेकिन कुल लंबाई के आधार पर यह छत्तीसगढ़ की सबसे लंबी नदी है ।
3. महानदी कितने राज्य में बहती है?
महानदी सिर्फ 2 राज्यों में बहती है । इसका उद्गम छत्तीसगढ़ के धमतरी जिला के सिहावा पर्वत से होता है और इसका विसर्जन ओडिशा के कटक के पास बंगाल की में होता है ।
4. महानदी का दूसरा नाम क्या है?
महानदी एक प्राचीन नदी है जिस कारण इसका नाम अलग अलग समय में अलग अलग नजर आता है –
प्राचीन नाम – कनकनंदिनी
सतयुग , वायु पुराण में – निलोत्पला
द्वापर युग , स्कंध पुराण में – चित्रोत्पला
विष्णु पुराण में – ऋषितुल्या
एक अन्य नाम – महाश्वेता
वर्तमान नाम – कहा जाता है कि महानदी का वर्तमान नाम श्रृंगि ऋषि के प्रिय शिष्य महानंदा के नाम पर पड़ा है ।
5. महानदी किस पर्वत से निकलती है?
महानदी छत्तीसगढ़ के सिहावा पर्वत से निकलती है । लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि इसका उद्गम श्रृंगि ऋषि पर्वत के चोटी से हुई है । हालांकि ये दोनो पर्वत एक ही स्थान पर है ।
6. महानदी का धार्मिक महत्व क्या है?
जिस तरह भारत की पवित्र नदी गंगा है उसी प्रकार छत्तीसगढ़ की पवित्र नदी महानदी को माना जाता है जिसका कारण यह भी है कि इसके किनारे पर कई धार्मिक स्थल है जैसे सिरपुर ( महासमुंद ) , त्रिवेणी संगम है जो इसे धार्मिक महत्व प्रदान करता है ।त्रिवेणी संगम जैसे –
राजिम – महानदी + पैरी + सोंढूर नदी का संगम है । इसे छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहा जाता है । यहां प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक मेले का आयोजन होता है ।
शिवरीनारायण – महानदी + शिवनाथ + जोंक नदी का संगम । यहां प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा के अवसर पर मेले का आयोजन होता है । मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ शिवरीनारायण में विराजमान होते हैं ।
चंद्रपुर – महानदी + मांड + लात नदी का संगम । यहां चैत्र नवरात्रि में मेले का आयोजन होता है ।धार्मिक मान्यता अनुसार लोग इन त्रिवेणी संगम को पवित्र मानते हैं और अपने पाप को समाप्त करने के लिए लोग यहां आकर पूजा अर्चना कर स्नान करते हैं । उनका मानना है कि ऐसा करने से उनके पाप धुल जाएंगे ।
7. महानदी सबसे लंबी नदी है?
महानदी छत्तीसगढ़ की सबसे लंबी नदी ( 858 कि. मी. ) है और छत्तीसगढ़ में बहने वाली दूसरी लंबी नदी ( 286 कि. मी. ) है वहीं शिवनाथ नदी ( 290 कि. मी. ) छत्तीसगढ़ में बहने वाली सबसे लंबी नदी है ।
8. महानदी कौन से जिले में स्थित है?
महानदी छत्तीसगढ़ के धमतरी जिला से निकलती है और फिर अन्य 10 जिलों ( कांकेर , बालोद , रायपुर , गरियाबंद , महासमुंद , बलौदाबाजार , जांजगीर – चांपा , सक्ती , रायगढ़ , सारंगढ़ – बिलाईगढ़ ) से होते हुए ओडिशा में प्रवेश करती है ।
9. महानदी नाम कैसे पड़ा?
कहा जाता है कि सिहावा के श्रृंगि ऋषि पर्वत पर
श्रृंगि ऋषि आश्रम में एक श्रृंगि ऋषि निवास करते थे उनका एक प्रिय शिष्य महानंदा था जिसके नाम पर महानदी का वर्तमान नाम महानदी पड़ा ।
10. महानदी में कौन कौन सी नदी मिलती है?
महानदी में उत्तर की ओर से आकर मिलने वाली नदियां – शिवनाथ नदी , हसदेव नदी , बोरई नदी , मांड नदी , केलो नदी , ईब नदी है ।
दक्षिण की ओर से आकर मिलने वाली नदियां – दूध नदी , सिलयारी नदी , सोंढूर नदी , पैरी नदी , सुखा नदी , जोंक नदी , लात नदी
11. महानदी कितने जिलों से होकर गुजरती है?
महानदी छत्तीसगढ़ के 11 जिलों से होकर गुजरती है । वो जिले हैं – धमतरी , कांकेर , बालोद , रायपुर , गरियाबंद , महासमुंद , बलौदाबाजार , जांजगीर – चांपा , सक्ती , रायगढ़ , सारंगढ़ – बिलाईगढ़ ।
12. महानदी का पुराना नाम क्या है?
महानदी का प्राचीन नाम – कनकनंदिनी है ।
13. महानदी कौन से देश में है?
महानदी भारत देश में है , जिसे छत्तीसगढ़ की गंगा कहा जाता है ।
14. महानदी की लंबाई कितनी होगी?
महानदी की कुल लंबाई 858 कि. मी. है । लेकिन यह छत्तीसगढ़ में सिर्फ 286 कि. मी. ही बहती है बाकि दूरी ओडिशा में तय करती है ।
15. छत्तीसगढ़ की सबसे लंबी नदी कौन सी है?
छत्तीसगढ़ की सबसे लंबी नदी महानदी है ।
16. महानदी की सबसे लंबी सहायक नदी कौन सी है?
शिवनाथ नदी ( 290 कि. मी. ) छत्तीसगढ़ की सबसे लंबी सहायक नदी है ।
17. महानदी विवाद क्या है?
महानदी जल विवाद ओडिशा और छत्तीसगढ़ का विवाद है जिसका कारण हीराकुंड बांध में जल का स्तर कम होना है जिसकी वजह ओडिशा , छत्तीसगढ़ में महानदी पर बने बैराजों , बांधों को मानता है । लेकिन छत्तीसगढ़ इस आरोप का विरोध करते हुए कहता है कि ओडिशा तो हीराकुंड बांध से निर्धारित सीमा से अधिक का पानी उपयोग कर रहा है ।यह विवाद 1983 में शुरू हुआ था । 2016 – 17 में ओडिशा और छत्तीसगढ़ सरकार के आरोप – प्रत्यारोप के बाद, केंद्र सरकार ने अधिसूचना संख्या 1114 (ई) दिनांक 12.03.2018 द्वारा इस महानदी जल विवाद का हल निकालने के लिए महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण का गठन किया ।
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Mahanadi ke antim jilla
Cg में सारंगढ़ बिलाईगढ़ से ओडिशा में प्रवेश करती है ।