हम सभी सपने देखते है ख़्वाब देखते है और ख्वाहिश करते है कि हमारे सारे ख़्वाब पूरे हो जाए सब कुछ जो हम चाहते है हमें मिल जाए हर एक शख्स जो हमे प्यारा है हमारे पास हो हमारे साथ हो और जो कुछ भी जो हमारी जरूरतें हो सब पूरे हो ।
पर अफसोस ऐसा हमेशा होता नहीं है, है ना ?
पर सबकी ख़्वाब भरी अपनी दुनिया है । आपकी भी होगी और हां मेरी भी है भोले मैं भी इन सबसे अछूता नहीं रहा ।
मैने भी कुछ सपने कुछ ख्वाब बुन रखे है मैने भी अपनी दुनिया बना रखी है उसी ख्वाब भरी दुनिया को आपके सामने पेश कर रहा हु एक कविता के माध्यम से ।
इसमें मेरे मंतव्य और मेरी मनोभावना की पारदर्शिता को मैने बरकरार रखा है और मैं जानता हु कि आपके ख्वाब भी इससे ज्यादा अलग नहीं होंगे क्योंकि आखिर अंत में हम सब एक ही चीज की चाहत रखते है और वो है प्रेम।
सबकुछ प्रेम के लिए दौलत शोहरत रुतबा रौनक सब कुछ प्रेम के लिए ही है मेरे मीत क्योंकि आखिर में व्यक्ति प्रेम का भूखा होता है ।
मैने उन सारे पहलुओं को उजागर करने का प्रयास किया है इस कविता के माध्यम से ।
भोले मुझको दे एक दुनिया
जिसका मै मालिक बनू
मैं माली अपनी दुनिया का
अच्छे अच्छे फूल चुनूं
अच्छे अच्छे लोगों से मै
अपनी दुनिया भर डालूं
गांव रखूं मैं नदी रखूं और
एक छोटा सा घर डालू
हो हंसी ठिठोली बदमाशी पर
किसी का दिल न दुखाए कोई
इस दुनियां के जैसे उसमें
कही न आग लगाए कोई
सारे झूठे लोग खदेड़ु
असली जिसकी मुस्कान नहीं
जहा दर्द हो पर दुख नहीं
जहा कोई अंजान नहीं
जहा हिज़्र अस्तित्व में न हो
बड़ा जहा न पैसा हो
सबको जहा सभी स्वीकारे
ऐसा वैसा जैसा हो
ऐसी दुनियां जहा हीर को
रांझा का भी प्रेम मिले
जहा न मजनू पागल बन
लैला को देखे खोज मरे
जहा कोई अगर बिछड़ गए तो
याद भी उसकी मिट जाए
और नहीं तो बाजारों में
मोल भाव से बिक जाए
तकिया बनाने वाले को
कुछ और काम बतला दूंगा
मां की गोदी में सर रखकर
सोना सबको सिखला दूंगा
मेरे ख़्वाब से उसे निकालू
रोज़ उसका दीदार करु
भोले मुझको दे एक दुनियां
जिसका मै मालिक बनू
मैं माली अपनी दुनिया का
अच्छे अच्छे फूल चुनूं
Kavita By – bhole_bhupesh
गांव : गांव से यह क्या तात्पर्य? गांव का अर्थ है शांति है सुकून श्री कृष्ण कहते है कि हमारी नियति सुख नहीं होता क्योंकि व्यक्ति को अत्यधिक सुख मिलने पर भी वो ऊब जाता है इसलिए हमारी नियति सुख नहीं हमारी नियति है शांति और वही शांति मैने शहर के जगह गांव में सुगमता से देखा है और पाया है ।
झूठे लोग : झूठे लोग मतलब कौन शायद आप और मैं भी उसी में आते है झूठे है वो लोग जो कहते है मैं खुश हु , झूठे है वो लोग जो कहते है मुझे फर्क नहीं पड़ता झूठे है वो लोग जो कहते है मैं रोता नहीं हु , वो सारे लोग झूठे है जो अपनी भावनाओं को अपने अंदर दबा के रखते है ऐसे लोगों के लिए मेरे दुनिया में कोई जगह नहीं।
हिज़्र : हिज़्र का अर्थ होता है जुदाई, न जाने आपके और मेरे जैसे कितने लोग अपने घर से दूर है अपने महबूब से दूर है काम के लिए या पढ़ाई के लिए। पर मैने जो अपनी दुनिया सोची है उसमें हिज़्र का कोई अस्तित्व नहीं है ।
हीर राँझे का प्रेम : मै थूकता हु ऐसी दुनिया पर जहां प्रेम ना हो इसीलिए दुनिया में प्रेम की अनिवार्यता उतनी ही है जितना जीवन में प्राणवायु की है।
याद : किसी की याद रह जाना कितना भयानक हो सकता है ये तो वही जानता है जो किसी की याद में मर रहा हो, लोग चले जाते है पर उनकी याद नहीं जाती। पर मेरी बनाई दुनिया में यादें भी बेची जाएंगी भोले जब शख्स चला जाए तो याद भी उसकी बिक जाए या मिट जाए।
मां : मां तो दुनिया की नहीं मेरे ख्वाब की अनिवार्यता है मै अपनी दुनिया के बारे में सोच पा रहा हु मां के कारण इसलिए मां की अनिवार्यता को परिभाषित करना भी उसके साथ नाइंसाफी कारण होगा ।
और वो : मां के बाद कोई जरूरी है न भोले। तो वो है हक़ीक़त में न सही पर ख्वाब में उसे नहीं जाने दूंगा उसे किसी और का नहीं होने दूंगा।
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